प्यारी लाडो
प्यारी लाडो
आज लाडो बड़ी प्यारी लग रही है,
हल्दी उबटन उसे लगाया जा रहा है।
परी सी लग रही है मेरी लाडो,
दुल्हन के जोड़े में उसे सजाया जा रहा है।
प्यारा सा गुड्डा आएगा मेरी गुड़िया को ले जाने,
आज मेरी लाडो का ब्याह रचाया जा रहा है।
पूरे घर को फुले से सजाया गया है,
घर का कोना कोना महकाया जा रहा है।
आज मेरी लाडो बड़ी प्यारी लग रही है,
आज मेरी गुड़िया का ब्याह रचाया जा रहा है।
क्यो रे लाडो की गुड़िया,
तू क्यों आंसू बहा रही है?
देख मेरी लाडो कितनी चहक रही,
हाथो में चूड़ी,माथे पर बिंदिया लगाए है।
देख मेरी लाडो कितना मुस्कुरा रही,
तू क्यों न मुस्कुरावे है।
आज मेरी लाडो बड़ी प्यारी लग रही,
आज मेरी लाडो का ब्याह रचाया जा रहा है।
कैसे मुस्कुराउ मैं?
मुझसे ये धोखा न देखा जावे है।
इतनी छोटी बच्ची का ब्याह रचा रहे,
क्या तुम्हें जरा भी शर्म न आवे है।
खिल तो जाने देते उस कली सी लाडो को,
फूल बनने से पहले क्यो रौंदा जावे है।
अभी तो दूध के दांत ही नही टूटे लाडो के,
फिर क्यों ब्याह रचाया जावे हैं?
क्यो न निकले मेरे आंसू ?
मुझसे ये धोखा न देखा जावे है।
मेरी फूल सी प्यारी लाडो को ,
क्यो नरक में धकेला जावे है।
मेरी लाडो कितनी प्यारी लग रही,
आज मेरी लाडो का ब्याह रचाया जावे है।
