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Guneet Malik

Romance

4  

Guneet Malik

Romance

प्यार

प्यार

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मेरे दिल में तेरी ही सूरत है

मैं खोई-खोई सी रहती हूँ,


उसके प्रेम के हर एक रास्ते में

मैं पीछा उसका करती रहती हूँ,


मेरी जो मुड़े वो दीवाना

मैं जाने कहाँ देखने लगती हूँ,


मेरी नज़र न मिलती है उस से

फिर भी उसको मैं रोज़ तकती हूँ,


डर लगता है, मैं कहीं उसे खो न दूँ

जब भी इज़हार की बात को सोचती हूँ,


मेरे दिल में चुभन सी होती है

जिस दिन उसे ने देखती हूँ,


मेरा दिल भी ये कितना पागल है

जो उसका ही हुआ चले जाता है,


मैं अब तो अपना कह दूँ उसको

जब भी वो मेरी ओर चला आता है,


क्या सोचता होगा वो मुझको भी

हर पल मैं भी यही सोचती हूँ,


चलो हुआ बहुत इंतज़ार तो अब

मैं अपनी इच्छाएं प्रकट ही कर देती हूँ।


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