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Guneet Malik

Abstract

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Guneet Malik

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पापा

पापा

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पापा एक आस है, 

जिसपे पूरे परिवार को विश्वास है।

वो सबके लिए खास है,

सब करते उनके दिल में वास है।


पापा जब अपनी गोद में खिलाता है,

खुद घोड़ा बनकर हमे घुमाता है।

उनकी सवारी के आगे सब कुछ

फीका पड़ जाता है,

वही पापा सच का रास्ता दिखाता है।


जब अपने सीने से लगाता है,

हर दुख कम हो जाता है।

जब भी था उनको सताया,

उन्होंने प्यार है जताया।

मुझें अच्छे स्कूल में पढ़ाया,

पर कभी की कमी को ना दिखाया।


कभी मुझे किसी बात पे गलत ना देहराया,

हर कदम पर मेरा हौंसला है बढ़ाया।

खुद नोकिया फोन है चलाया,

पर मुझे आईफोन है दिलाया।


जिन जिन चीजों का मैंने ख्वाब है सजाया,

उन्होंने हमेशा हकीकत में है दिलाया।

चारों तरफ नाम है कमाया,

उनके जैसा अब तक मैंने कोई ना पाया।

उनके जैसा बनना है खुद को यही समझाया है,

कैसे उन्होंने अच्छे पापा होने का फर्ज निभाया है।


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