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Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Romance Classics Fantasy

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Anita Mandilwar Sapna(world record holder)

Romance Classics Fantasy

प्यार से रहो

प्यार से रहो

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आज के माहौल पर, आँखें है अपनी नम।

बढ़ता रहा समाज, और सिमटते रहे हैं हम।।


छाया हमें मिलेगी कहाँ, ये सोचते हैं हम।

जंगल में हरे पेड़ जो, कटना हुए न कम।।


बेटी को भी पढ़ाना है, बेटों की ही तरह।

ऐसा आपने किया तो, होगा बडा करम।।


आपस में मिलकर स्नेह से, प्यार से रहो।

देश में अमन-चैन हो, न हो कोई भरम।।


हर घर में हो अब, मुहब्बत का ही चलन।

गले मिलो एक दूसरे से, मिटा दो सब वहम।।


मिल-जुल कर रहे अब, हम इंसान की तरह।

मन से हँसो 'सपना', रहे न दिखावे का अहम।।


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