प्यार में पागल मेरा मन
प्यार में पागल मेरा मन
कभी रितिका... कभी नितिका...
कभी सोनिका... कभी मोनिका...
कभी मीनू ... कभी रीनू … हाँ ... रीनू … हाँ ... हाँ ... रीनू …
मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए
प्यार से जो कहती थी वो स्वीटू याद आये
मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए
प्यारी प्रीति की प्रीत और रितु भी वेरी स्वीट
देखूँ जब वर्षा को तो मन गाने लगता डयूट
प्यार में पागल मेरा मन तो हर पल ये गाए
हाये... मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए
पुष्प देखूँ कहीं तो पुष्पा मन भाए
पूजा देखूँ कहीं तो पूजा याद आए
कभी-कभी मन करता है कहीं भाग जाऊ
या हिमालय पे जाकर् के साधु बन जाऊ
लेकिन... पहाड़ों की हो बात तो मुझे नीतू याद आए
प्यार में पागल मेरा मन तो हर पल ये गाए
हाये... मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए
कविता पढूं कहीं तो कविता मन भाए
गजल देखूँ कहीं तो गजल याद आए
कभी-कभी मन डरता है ना केश हो जाए
अदालत मे कहीं गीता की कसम ना खिलाए
कयूं के... गीता की हो बात तो मुझे गीतू याद आए
हाये... मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए
प्यार से जो कहती थी वो स्वीटू याद आये
मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए
प्यार में पागल मेरा मन तो हर पल ये गाए
मुझे तो रीनू मन भाए, मुझे तो रितु याद आए...