रंग नई सोच के
रंग नई सोच के
हंसकर अपनाते हैं, एक नई सोच के साथ चलो होली मनाते हैं, ईमानदारी सच्चाई अपनापन और प्यार इन सब का तालमेल बनाते हैं चलो एक नई सोच के साथ होली मनाते हैं,
पहला रंग अर्पण भगवान को जिसने बनाए इंसान को, रंग प्यार और अपनेपन का उन किन्नरों को भी लगाओ, जो अपनी कमियों को छुपा कर तालियां बजाते हैं, हमारे तानी हमारा दंश झेल कर भी हमारी हर खुशियों में संग हमारे नाचते हैं गाते हैं और मुस्कुराते हैं,
रंग हमदर्दी और प्यार का उन लोगों को भी लगाओ जिनका अंग सलामत नहीं होता , Yun Nahin shauk se koi अपना अंग है खोता,
रंग सम्मान का UN माता-पिता को लगाओ, जो वृद्ध आश्रम में अपने खून की राह देखते हैं, जिनको मिल गया अकेलापन अकेलेपन में भी अपने बेटों की आने की राह देखते हैं, कुछ पल के लिए ही सही उनकी औलाद बन जाओ रंग सम्मान का उनके पैरों पर लगाओ,
रंग ममता का अनाथ बच्चों को लगाओ, जो हर पल किसी अपने की राह देखते हैं।
समाज से जिनको मिलता है तिरस्कार वह शायद हमेशा किसी अपने की चाह में रहते हैं,
उनके अपनेपन की चाहत कबूल कर जाओ एक होली कभी अनाथ आश्रम में भी मनाओ।
और अब बात करते हैं हमारे देश के जवान की ,, हर लब्ज जिसे लिखने में कम पड़ जाए एक ऐसे दास्तान की,,
जिन्होंने खुद ही अपनी औलाद हमारी सुरक्षा में और वह अकेले हैं,
न जाने कितनी होली दिवाली बेटे के गम में झेले हैं, रंग देश प्रेम और सम्मान का कभी उनके प्रति भी दिखाओ कुछ ना करो जाकर हाल-चाल hi पूछ आओ
Aur ab Ek Salah रंग फरेब का रिश्तो में ना मिलाना इंसानियत की एक मिसाल खुद को बनाना थोड़ा ऊपर खुद को उठाओ फायदे और नुकसान से मिलावट को दूर रखो तुम अपने ईमान से,
एक नई सोच के साथ यह रंगों का त्योहार मनाओ, जैसे जिंदगी के सुख और दुख के रंग हंस के अपनाते हो इस दुनिया के भी सारे रंग हंस के अपनाओ मिठाइयों सी रखो मिठास जुबान पर इंसान बनो और इंसानों के काम आओ। एक नई सोच के साथ इस बार की होली होली मनाओ।