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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance Fantasy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Romance Fantasy

इश्क की बीमारी

इश्क की बीमारी

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जिंदगी में बीमारी कम नहीं,

औकात बता देती है,

अच्छे खासे इंसान को

जिंदा लाश बना देती है।।


कहूँ कैसे मैं बीमार हूँ खासा नौजवान हूँ,

फिर भी हुश्न के इश्क का शिकार हूँ

लगता नही मन कहीं भी भूख प्यास अंजान हूँ।।

 

माँ बाप को फिक्र ये बीमारी क्या वैद्य कहता है

मैं बीमार नहीं इसका कोई इलाज नहीं

शर्म आती है बताऊँ कैसे

मुझे क्या हुआ मैं बीमार हूँ।।


इश्क ने खोखला कर दिया,

सिर्फ चाहत का दीदार ही इलाज है,

नज़र इबादत इश्क की आती ही नहीं

शायद वह भी बीमार बेजार है।।


अब तो जिंदगी की सांसे धड़कन

चाहत के इश्क का जुनून जिंदगी

का इंतज़ार है।।


गर न मिली मेरी बेबाक चाहत कि

मुहब्बत उसके ही दुपट्टे ओढे

कफन जनाजे बे चढ़ने को बेकार हूँ।।

चढ़ गया है इश्क का शुरुर इस कदर

कहती दुनिया इश्क का बुखार है।।


ना संक्रमण है कोई ,ना बीमारी कोई

खतनक है, कोरोना भी पास नहीं आता 

जमाने की दहसत से इश्क़ के

कोरेनटाइन मास्क है ।।


क्या कहूँ की बीमारी क्या कोई 

सुनने को तैयार नही कहते है सभी

प्यार मुहब्बत की तेरी उम्र नही तू

तो नादान है।।


कहती है दुनियां लिखने पड़ने में लगता ही नहीं

मन आवारा भौरा जिन्दगी का जिंदगी की

सच्चाई से अनजान है।।


क्या करूँ ,दिल तो दिल है, बच्चा बूढ़ा

जिस्म नही चाहत की ना कोई उम्र 

मुकर्रर दिल तो सच्चे मुहब्बत का ईमान है।।


इश्क का भूत नजर नहीं आता दिखता

नही वर्तमान है भविष्य का पता

किसको जिंदगी तो खुदा की खुदा ही

जिंदगी का राज है।।

 

इश्क की बीमारी अच्छी या बुरी पता

ही नहीं मैं बीमार हूँ इश्क से इश्क का

मिल जाना ही इलाज है।


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