जादुई चिराग मेरे पास
जादुई चिराग मेरे पास
टीवी चैनल पर देखा आज नया एक सीरियल
जीनी की करामातें देखकर मन मेरा हुआ विकल।
जादूगर जीनी की हुई है जब हीरो से टक्कर,
जीनी और जूजू बन गए एक दूजे के माइ-डियर।
कितनी आसानी से हो जाती उनकी सारी बाधा दूर,
दुश्मन सारे हो जाते हैं पल भर में ही चकनाचूर। ।
काश कहीं मिल जाता अलादीन का जादुई चिराग
पूरे कर लेते जीवन के अगले पिछले सभी हिसाब।
ख्वाहिश सब पूरी हो जातीं, मुश्किल हो जाती आसान
खुशियाँ भरती झोली में, बढ़ जाती जीवन की शान।।
काश कोई जादुई चिराग मेरे पास भी होता
दुनियाभर की मुश्किल सारी मैं चुटकियों में हल कर देता।।
गरीबी और भ्रष्टाचार को देता मात
नहीं होता कोई जात और पात।
भूख और प्यास से न कोई तड़पता
पूरे कपड़ों से हर कोई तन ढँक लेता।।
बात बताई जब मैंने यह अपने मित्रों और परिवार को
सबने मुझको डाँट लगाई और कहा क्यों ढूँढे तू चिराग को।
माँ ने प्रेम से समझाया और बोली ऐसा कभी न होता
सफल हुआ वही आज तक, जो मेहनत के बीज है बोता।
इधर उधर की तुम न सोचो
जीवन का अपने मूल्य तो समझो।
व्यर्थ के सपनों में समय न खोओ
अपनी सूझबूझ से सफलता के बाग लगाओ।।
बात मेरी भी समझ में आई
करूँगा नहीं अब कोई मूर्खताई।
मन में जो रख ले आस्था और विश्वास
समझ लो जादुई चिराग उसी के पास।
