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मानव सिंह राणा 'सुओम'

Abstract

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मानव सिंह राणा 'सुओम'

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नववर्ष हर माह

नववर्ष हर माह

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आओ हम सब हिल मिल गाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


प्रथम महीना चैत मास है।

राम जनम जिसमें खास है।

आओ हम सब मंगल गाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं।।


दूजा महीना बैसाखी लाया।

बैसाख उसका नाम कहाया।

आओ हम सब गंगा नहाएं।

आओ हम सब नव वर्ष मनाएं ।


तीजा मास जेठ का आया।

लू ने हमको बहुत सताया।

गंगा दशहरा देखने जाएँ ।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


चौथा महीना बाढ़ ले आया।

देव शयन का वक़्त है आया।

आओ आषाढ़ में हिल मिल गाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


बुंदिया हल्की सावन आया।

पाँचवाँ महीना झूले लाया।

सोमवार को भोलेनाथ मनाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


छठा महीना भादों का आया।

पितरों को तब भोग लगाया।

आओ जन्माष्टमी मनाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


सातवाँ महीना क्वार का।

दुर्गा पूजा की बहार का।

नौ दिन तक उपवास कराएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


मास आठवां कार्तिक आये

घर -घर इसने दीप जलाये।

आओ सब दीपावली मनाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


नवा अगहन विष्णु जी का प्यारा।

मिले मोक्ष सही विचारधारा।

राम विवाह पंचमी मनाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


दसवां महीना पौष माह का

सूर्य देव के तेज भाव का।

आओ सूर्य भगवान बुलाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


ग्यारहवां महीना माघ माह का।

कुंभ के उज्ज्वल प्रवाह का।

आओ गंगा में डुबकी लगाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


बारहवाँ महीना फागुन आया।

तरह तरह के रंग ये लाया।

होली पर हम रसिया गाएं ।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।


बारह महीने खुशियों वाले।

गर्व करो सब सनातन वाले।

हम सा ना कोई नव वर्ष मनाएं।

आओ अपना नव वर्ष मनाएं ।



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