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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy Others

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Divyanshi Triguna

Abstract Fantasy Others

मधुबन, मधुबन, मेरे श्याम सुमन.......

मधुबन, मधुबन, मेरे श्याम सुमन.......

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मधुबन, मधुबन, मेरे श्याम सुमन.......

दर्शन पाऊँ, तेरे भगवन

कर दो ऐसा पुलकित सा मन, जिस मन रहते तुम श्याम सुमन 

आना तुम मेरे अंतर्मन, जिससे ना कोई तुम्हें देखे भगवन 

मुझमें तुम यूँ मिल जाना सुमन, ऐसे मिलना, ना मैं ही रहूँ और ना ही तुम 

जीवन का करम तेरे नाम सुमन, चाहे जैसा करवा लो भगवन

बस ऐसा ही हो मेरा करम, जो तेरे मन रम जाए सुमन


मीरा सी भक्ति पर पाऊँ, राधा सा प्रेम निभा जाऊँ 

ऐसी भक्ति दे दो भगवन, जिसकी शक्ति में तुम रहो सुमन 

बस कर दो तुम, ऐसा मेरा मन, जिस मन रहते तुम श्याम सुमन 

तुझे ही देखूँ हर घड़ी भगवन, इन अंखियों में बस जाना सुमन 

मेरी जीवन डोर तुम्हारे ही, हाथों में रहे सदा भगवन 


जब मन की इच्छा पूछोगे तुम, तो हम तुमको ही मांगेंगे सुमन 

ऐसा तुम जान लो मेरा मन, और पूछो मन इच्छा भगवन 

इच्छा ना सही तो एक करम, ऐसा कर दो तुम हमारे संग 

हर जन्म, मैं तेरी दासी रहूँ, तेरे ही भजन मैं गाती रहूँ 

इस मन में ना कोई और सुमन, बस तुम रहते हो अंतर्मन 

इस अंतर्मन की बात सुमन, सन लो तुम कभी, मेरे भगवन 


ये जीवन भी और तुम्हीं से हम, इस जीवन के प्राण तुम्हारे सुमन 

तुम चाहे तो अभी ले लो या, रह जाने दो अगले जन्म 

तेरे नाम से मन मेरा संवरा हैं, तेरे ध्यान से मैं भी संवर गई हूँ

मेरा जीवन ही तर गया सारा, तेरा इतना ध्यान मेरे मन में रहा।



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