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ARCHANNAA MISHRAA

Romance

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ARCHANNAA MISHRAA

Romance

प्यार का पहला सावन

प्यार का पहला सावन

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उमड़ घुमड़ कर फिर से सावन आया है 

संग में अपने जाने कितनी सौग़ातें लाया है,

कुछ याद पुरानी बातें हैं , प्रथम मिलन में भीगे हम तुम थे।

मैं थी , तुम थे वो एक अदभुत सा क्षण था ,

जहाँ हम दोनो ने एक दूजे के मन को छुआ था ,

थोड़ा सा विचलित तो तुम भी थे ,

कहीं घबराई तो मैं भी थी ।

कहीं अनकही सी कुछ बातें बताई तो मेने भी थी ,

तुम्हारे अधरों पे जो हल्की सी मुस्कान आयी थी,

उसी पर थोड़ा सा शरमाई तो मैं भी थी ,

तुम्हारा टकटकी लगा के यूं देखे जाना ,

मेरी तो जान पे ही बन आयी थी ।

उसी क्षण कहीं कुछ तो हुआ था ,

दिल के बगीचे में कहीं कुछ तो छुआ था ,

तुमने भी जाना था , मैं ने भी जाना था

बस ये वही पल था जहाँ से हम दोनो को मिल जाना था ,

जहाँ से हम दोनो को मिल जाना था ॥


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