प्यार का इजहार
प्यार का इजहार
जब प्रेमी कवि हो
करता है अपना इजहार
बदल देता है व्यवहार
होता है तलबगार
रचित करता है बहुत रचनाएं
दिखता है कई भावनाएं
जिनमें होता है सौंदर्य
तन की खूबसूरती
मन की सुंदरता
लिखता है कई गजल भी
जिनमें होती है नैनों की भाषा
कजरारे नैन नक्श
मधुर सा स्वरूप
यौवन का रूप
अपनी प्रेमिका की खूबसूरती
उसका साँवला रंग
उसकी मृगनयनी सी आंखें
अपने विचारों को
परिवर्तित करता है
वो अपने गीतों में
अपनी कविताओं में
अपनी गजलों में
अपनी रचनाओं में
कभी होती है गम
से भरी हुई
कभी खुशी से
सराबोर।