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Debashis Bhattacharya

Romance

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Debashis Bhattacharya

Romance

प्यार इजहार न कर पाना

प्यार इजहार न कर पाना

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तुमने मुझसे पूछे थे

क्यों मैं तुम्हे प्यार करता हूँ

मैं अपनी अन्तरात्मा के अंदरमहल

झाँका और फिर कहने लगा


पर किसी ने मेरी पुकार नहीं सुनी 

मुझे पता नहीं क्यों मैं

प्यारी कविता से

इतना प्यार करता हूँ


प्यार तो एह्सास हैं

जो कही नहीं जाती

जब तुम साथ हो


मैं आसमान में

चमकता हुआ सितारा हूँ

पर तुम जब साथ छोड़ देती


मैं खाई पर गिरा हुआ

एक टुटा पत्थर दिल हूँ

प्यार इजहार न कर पाना मेरा प्यार है 

जो टूट जाने से मारा हुआ शरीर है।


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