STORYMIRROR

Debashis Bhattacharya

Romance

3  

Debashis Bhattacharya

Romance

झरना होकर झरना चाहते

झरना होकर झरना चाहते

1 min
297

झरना होकर झरना चाहते

तुम्हारी जुल्फों में

गुलाब हो कर रहेंगे बंधे

केशविन्यास के साथ


सुरमा बनकर रंगीन होंगे

तुम्हारी पलकों पर

प्रेमलता हो कर लटकते रहेंगे  

ह्रदय आंगन के साथ 


मन चन्दन मेरे सजेंगे  

तुम्हारे खूबसूरत चेहरे पर 

बिंदी हो कर जलते रहेंगे

तुम्हारे ललाट के बीच

लाल गुलाल मैं चमकते रहेंगे 


तुम्हारे ओठों पर

इच्छा मेरे होंगे तुम्हारे

एक स्वप्नों के नाव में

पूरी दुनिया देखना चाहते

बस तुम्हारी आँखों में 

वही तुम्हें मैंने दिया

मेरा दिल जन्मों जन्मों से।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance