तुमको खोया है ज़माना खोकर, हाथ कोरे हैं वो ताज़ी लगी मेंहदी धोकर, लोग ताउम्र निभाते हैं खुद से ही मोहब्बत, हम तो खुद के भी न हुए एक तेरे होकर ।
मैं जानता था कि इन सब प्रश्नों का जवाब 'न' में था लेकिन फिर वही, मन तो मन है आखिर सपने देखना कैसे छो... मैं जानता था कि इन सब प्रश्नों का जवाब 'न' में था लेकिन फिर वही, मन तो मन है आखि...
भारत मे रह रहे दो तबकों पर चर्चा करते लोग भारत मे रह रहे दो तबकों पर चर्चा करते लोग
बूढ़ा बेबस पिता बूढ़ा बेबस पिता