तुमको खोया है ज़माना खोकर, हाथ कोरे हैं वो ताज़ी लगी मेंहदी धोकर, लोग ताउम्र निभाते हैं खुद से ही मोहब्बत, हम तो खुद के भी न हुए एक तेरे होकर ।
लिखा सभी ने कुछ न कुछ मैं तुम पर क्या संगीत लिखूँ ! लिखा सभी ने कुछ न कुछ मैं तुम पर क्या संगीत लिखूँ !
उस पल ये ठान लिया तुम बिना ही जीना है आंसुओं का क्या करना उम्र भर ही पीना है। उस पल ये ठान लिया तुम बिना ही जीना है आंसुओं का क्या करना उम्र भर ही पीना है।