हँसते हँसते जिंदगी बिताए
हँसते हँसते जिंदगी बिताए
हँसते हँसते जिन्दगी बिताए
रोना मत कभी
प्यार से देखो दुनिया को जानो
सृष्टि सुन्दर सभी
दाता सब के एक जो है
छिपे अंदर रहते
दो नयनों से दुनिया देखते
गंगा दिल में बहती
प्रभु की इच्छा से
शरीर को पाना
मंदिर बनाता रहूँ
काम-क्रोध-लोभ-
हिंसा त्याग कर
तेरा ही शरण में हूँ
क्या ले कर जाऊँ कहाँ
न जाने पागल मन
जानना चाहते अहंकार
में डूबे
मोह जाल में फंसे
तू जो अंतरात्मा कहता
बितरो प्रेम जीवों में
खोज पाओगे मार्ग
जिंदगी में
तेरे साथ रहेंगे हम
जन्म और मरण के पार
बंधन अजीब बनाया तू ने
चाहता चरण दिल में