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PIyush Khare

Romance

4.6  

PIyush Khare

Romance

ऑनलाइन इश्क़

ऑनलाइन इश्क़

1 min
772


उसकी टाइपिंग पर खुशी से

काँपती मेरी उंगलियां इश्क़ है,

उसकी न्यू प्रोफ़ाइल पिक को

मिनटों तक एकटक झांकती पलकों की पंखुड़ियां इश्क़ है।


गुफ्तगू करने की

अनगिनत ख्वाहिशों के बीच,

ऑनलाइन हो कर भी चीखती खामोशियां इश्क़ है।


जरा सी आहत पे,

फोन पकड़ के बैठ जाना,

वो नोटिफिकेशन की टनटानाटी घंटियां इश्क़ है।


कैसे हो ? पूछने पर

आई एम फाइन बताना,

लिख कर मिटाना,

मिटा कर छुपाना,

वो ड्राफ्ट में बेबस पड़ी अनकही अर्जियां इश्क़ है।


उसका नाम सुन कर

धड़कनों का बढ़ जाना,

और उसका नाम सुना कर

दोस्तो की मन मर्जियां इश्क़ है।


अनंत तक चलने वाली कन्वो में,

हम्म और ओके की तल्खियां इश्क़ है,

कॉल आने पे बावला हो जाना

अलाना फलाना बतियाना,

दिल ही दिल में खिलखिलाना,

वो बच्चो सी खुशियों वाली किलकारियां इश्क़ है।


मशरूफ़ियत कितनी भी भारी पड़े कैफियत पूछने पर

बस इक बार लास्ट सीन

देखने वाली बेचैनियां इश्क़ है।


सुबह सबसे पहले उठ कर,

कॉल लॉग में उसका

कॉल देखना इश्क़ है,

हर सुबह की गुड मॉर्निंग

और देर रात की गुड नाइट इश्क़ है।

बस बेइंतहा इश्क़ है,

बस इश्क़ है।


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