मेरा इश्क़
मेरा इश्क़
कुछ खट्टा कुछ मीठा सा है
मेरा इश्क़ तुमसे बेहद सा है,
सूरज की किरणों जैसा,
चांद की चांदनी सा
मेरा इश्क़ तुमसे बेहद सा है।
धूप में पेड़ों की छाओं जैसा,
कुछ बारिश की बूंदों जेसा है
मेरा इश्क़ तुमसे बेहद सा है।
घुंघरू की धुन से,
पायल की छम छम सा
कुछ खट्टा, कुछ मीठा
मेरा इश्क़ तुमसे बेहद सा है।