रूहानी रिस्ता
रूहानी रिस्ता
ना देखें कभी शक भरी निगाहों से..
दिल से दिल का एहसास समझे..
वहींतो रूहानी रिश्तों की पहचान है
एहसास दे जाए दिल को जो अपना सा
दिल धड़का जाए उस एहसास में..
वहीं इंसा तो ज़िन्दगी की रूहानी
एहसास की पहचान है...
इश्क़.. में हो या दुनियां.. की भीड़ में..
ना छोड़े साथ..कभी भी अपना ..वहीं,
इंसा तो रूहानी इश्क़ की पहचान हैं..
रोते हुए आँखों को.. जो हँसा.. जाए
अपनी प्यार भरी बातों से..दिल को
सुकुन दे जाए वहीं इंसा तो
रूहानी शब्दों की पहचान है..
ख़्वाबों से ज्यादा हक़ीक़त में हर लम्हा..
ग़म और खुशियों का साथी बने....
दूर रहकर भी ख्यालों की परवाह करें
वहीं इंसा तो रूहानी हक़ीक़त की पहचान है..
ना आजमाएं कभी एक दूसरे को..
दोस्त बनकर.. ज़िन्दगी में आगे बढ़ाए..
वहीं तो जीवन में सच्चे रूहानी दोस्त,
की पहचान है..
जब ऐसी ज़िन्दगी सुहानी हो जाए..
और खूबसूरत इंसा के साथ रिश्ते बन जाए
तो ज़िन्दगी रूहानी रिश्तों से भी
ज्यादा..ख़ूबसूरत हो जाए..।

