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Priyadarshini Kumari

Inspirational

4.0  

Priyadarshini Kumari

Inspirational

फिक्र

फिक्र

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है तकदीर में मिलना उतना ही

जितना क़िस्मत को मंजूरी हो

फिर अंत का क्यूं परिणाम सोचें

जब ज़िन्दगी को साथ कि मंजूरी हो

मंजूरे खुदा की भी करिश्मा होगी

तेरी मेरी सबकी शिकायते दर्ज होगी

वक्त को सही फैसले का इंतजार है

अंत से भला दुनियां की तस्वीर होगी

ong> ना तेरा ना मेरा फिर भी फिक्र है

हमें जीने को लाखों साधन मिले

बदले में हमनें तुझें कुछ ना दिये

फिर भी फिक्र का अंत सताये है

अभी गरीबी का हाल खबर बेहाल है

दुवाओं से आज ज़िन्दगी आबाद है

नमन है उनको जो सच्चाई के संग है

प्रकृति के साथ जीवन की शुरुआत है ।।




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