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Priyadarshini Arya

Inspirational

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Priyadarshini Arya

Inspirational

सोच से जन्मी एक स्त्री हूँ

सोच से जन्मी एक स्त्री हूँ

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सोच से जन्मी एक स्त्री हूं

प्यार व बलिदान की एक मूर्ति हूं

अर्थ और अनर्थ होने का बेहिसाब फर्क जानती

अपनी जोड़ हिम्मत से दुनिया जीतना जानती

सुबह की फैलती लालिमा को लिए

शाम की जलती दीप का सहारा बनती

हुनर व कामयाबी से परिवार का नाम रौशन करती

जीवन में आए संकट में भी साथ का ढाल बनती

धैर्य का बनकर प्रतिमा की अनेकों रूप

दे रही जिज्ञासा का प्रमाण का अनुरूप

अपने जीवन में स्वेच्छा सा अधिकार चाहती

कर्तव्य पर चलने से कभी पीछे ना हटती

समय आने पर देकर अपना बलिदान

परिवार में नारी होने का बढ़ाती सम्मान ।



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