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Dr pratap Mohan Bhartiya Bhartiya

Romance

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Dr pratap Mohan Bhartiya Bhartiya

Romance

आपकी याद आई

आपकी याद आई

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आपकी याद आई

अभी कुछ पल पहले

तेरा जिक्र हुआ

मेरी आंख भर आई

आपकी याद आई

     

तू तो बसी है

हमारे दिल में

तेरी याद आती है

पल पल में

     

क्यों चली जाती हो दूर

मुझे अकेला छोड़कर

मेरा घर मेरा आँगन

और मुझे अकेला छोड़कर

     

जब जब सावन की घटा छाई

फूल और कलियाँ मुस्कराई

देखकर रिमझिम बारिश को

मुझे तेरी याद आई

     

जिंदा हूँ तुम्हारी यादों के सहारे

दिन गुजार रहा हूँ 

तुम्हारी बातों के सहारे

     

सारा दिन रहता हूँ

तेरी याद में खोया

रात की नींद गायब है

कई दिन से नहीं सोया

     

अब यादों से बाहर निकलो

मिलने चली आओ

अपने प्रियतम को

ज्यादा न सताओ!


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