STORYMIRROR

Abha Chauhan

Romance

4  

Abha Chauhan

Romance

मनाऊं कैसे?

मनाऊं कैसे?

1 min
223

तुम जो रूठे हो तुम्हें मनाऊं कैसे

तुम्हें ऐसे छोड़कर नौकरी जाऊं कैसे


तुम्हारे गुस्से पर भी मुझे प्यार आता है

तुम्हें देख कर दिल को करार आता है

मोहब्बत की तड़प को बुझाऊँ कैसे

ऐसे छोड़ कर नौकरी जाऊं कैसे


तुम बिखरी लटो कमाल लगती हो

गुस्से में धधकती मशाल लगती हो

इस गुस्से की अगन को बुझाऊँ कैसे

तुम्हें छोड़कर में नौकरी जाऊं कैसे


तेरे इश्क का जादू कर गया है असर

इस दुनिया से हो गया हूं बेखबर

खुद को होश में लाऊं कैसे

तुम्हें छोड़कर मैं नौकरी जाऊं कैसे


अनजाने में मुझसे हो गई खता

से मैं तुझे समझ बैठा बेवफा

तुम जो रूठे हो तुम्हें मनाऊं कैसे

तुम्हें छोड़कर मैं नौकरी जाऊं कैसे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance