एक ख्वाब
एक ख्वाब
एक ख्वाब संजोया था हमने भी
संग रहेंगे ज़िन्दगी भर हम दोनों
देख के उन्हें लगता था ऐसे
दिल में हो अनकहे सपने हज़ार।
हर सपने पूरे करेंगे उनके
सोच के बस यूंही खुश हो जाया करते थे
वो निगाहें जब टकराया करती थी
मंद मंद मुस्कान छा जाया करती थी।
दिल ने चाहा बता दे अपने हर जज़्बात
लेकिन डर था टूट ना जाएं कहीं ये सारे ख्वाब
आख़िर आ ही गया वो दिन
लिख के भेज दिए अपने दिल की बात।
इंतज़ार था उनका
या तो बिछड़ जाएंगे हम
या तो थाम लेंगे एक दूजे का हाथ
शायद एक तरफा थे वो सारे ख़्वाब।
जिनका लिख था टूटना एक दिन
ख्वाबों की दुनिया भी क्या गज़ब है
बिना सोचे ही सज जाते हैं दिलों में।