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Ankit Chaudhary

Romance

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Ankit Chaudhary

Romance

खुल्ली किताब

खुल्ली किताब

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खुल्ली किताब बनकर बैठे हैं मेरे ख्वाब,

उन्हे सुनकर मुझे तुम्हे सुनाने है आज।


वक्त क्या चाहता है मुझसे वो पता नहीं,

पर तुम्हारे साथ जीना मरना है मुझे कल।


नहीं मिल सके उससे अल्फाज जो मेरे,

पर उसके बताए बिनाही समझ गया मैं।


दुनिया से भी लड़ जाऊं में उसके लिए,

प्यार जो हदसे ज्यादा करता हूं उससे।


मेरी कहानी बयां नहीं हो सकी थी जो,

पर वो अधूरी नहीं मूजमे पूरी है आज।


बेचैन हो जाते है कुछ लम्हे मेरे साथ,

कभी खो जाता हूं तो कभी में मिल।


गुम होना चाहता हूं आज भी कहीं में,

खूल्ली किताब के अल्फाजो में कहीं।



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