प्यार बहुत है तुमसे
प्यार बहुत है तुमसे
प्यार बहुत है तुमसे
पर हर वक़्त इज़हार नहीं करता
हाँ मैं तुम्हारा दीवाना हूँ
इस बात से तो इंकार नहीं करता
तुम युहीं खफा हो जाती हो
छोटी सी बात पर
तुम्हारी किसी ख़ुशी को तो
नागवार नहीं करता
तुम मानो या ना मानो
नख़रा तुम में भी बहुत है
पर बदनाम मैं ही हूँ
गुस्सा तुम में क्या कम है
मैं ही ज़िद्दी हूँ, ये वहम है
तुम्हारे लिए,
सिर्फ तुम्हारे लिए
इस बात से भी इंकार नहीं करता
प्यार बहुत है तुमसे
बस हर वक़्त इज़हार नहीं करता
नाराजगी भी ज़रुरी है प्यार में
नख़रा भी ज़रुरी है इज़हार में
तुम्हारी हर बात पर मुझे यकीन है
फिर मत कहना मेरा ऐतबार नहीं करता
प्यार बहुत है तुमसे बस
पर हर वक़्त इज़हार नहीं करता

