Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Pankaj Kumar

Abstract Others

4.0  

Pankaj Kumar

Abstract Others

कुछ बातें याद है

कुछ बातें याद है

1 min
271


कुछ भूल गया हूँ, कुछ बातें याद है

वो बेपरवाही के दिन और रातें याद है 

छत पर घंटों वक़्त बिताना 

थोड़ी दूसरों की सुननी 

ज्यादा अपनी सुनाना 

कभी रूठ कर चले जाना 

बिन मनाये ही फिर लौट आना 

अल्हड़पन के कितने किस्से भूल गया हूँ 

पर अपनी कुछ करामातें याद है 

कुछ बातें याद है 


बीता वक़्त कहां खो गया 

मानो पल में धुआं हो गया  

हम भी बेख़ौफ़ चल दिए 

ज़िन्दगी जैसे जुआ हो गया 

कुछ बाज़ियां हार गए 

कुछ में हार कर भी बाज़ी मार गए

ज़िन्दगी की खट्टी-मीठी 

कुछ सौगातें याद है 

बहुत कुछ भूल गया हूँ 

पर कुछ बातें याद है 


तपाया है खुद को कड़ी घूप में 

देखी है दुनिया अलग अलग रूप में 

अच्छा बुरा सब देखा है 

आधा पूरा सब देखा है 

कुछ मसले सुलझ गए कब के

बचे-कूचे दफ़न हो गए दब के

सुन कर शोर मेरे मन के

आंसू पोंछ गयी हमदर्द बन के

कई ऐसी बरसातें याद है

बहुत कुछ भूल गया हूँ 

लेकिन कुछ बातें याद है 

हां कुछ बातें याद है 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract