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Pankaj Kumar

Abstract Others

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Pankaj Kumar

Abstract Others

इक दिन

इक दिन

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कुछ शिकायतें है तुझसे ऐ ज़िन्दगी 

जो हमेशा रहेगी वो बताऊँगा इक दिन 

काफी गुस्सा है तुम्हारे लिए मेरे मन में 

जो हमेशा रहेगा वो दिखाऊंगा इक दिन 

ऐसा तो नहीं हमेशा खुश रहूँ 

जो भी तू दे बस चुपचाप सहूँ 

कुछ नाराजगियाँ भी है तुझसे 

जो हमेशा रहेगी वो भी जताऊँगा इक दिन 


कई सितम ढाए है तूने 

कई जख्म भी दिए है 

जो अरसे में भरे है, 

पर कुछ अभी भी हरे है 

लिख रहा हूँ गिन गिन कर हिसाब 

वक़्त रहते सब चुकाऊंगा इक दिन 

प्यार भी बहुत है तुझसे ऐ ज़िन्दगी

जो हमेशा रहेगा 

फिर भी छोड़ जाऊंगा इक दिन 


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