पुरखे एवं पेड़ों का महत्व.
पुरखे एवं पेड़ों का महत्व.
पुरखों नें पेड़ लगाने का सिलसिला शुरू किया था,
उन्हीं पेड़ों की छाँव तले मसलों को हल किया था,
पंचायत हो या चौपाल का वहीं पर आयोजन किया।।
आपसी मेलजोल व सौहार्द का पेड़ उचित जरिया था,
वातावरण में प्राणवायु देकर पेड़ मानव के काम आया,
और फल,फूलों से लबरेज पेड़ पंछियों का आशियाना था।।
फिर जहान में पढ़ें लिखे इंसानों का धरती पर आगमन हुआ,
उन्होंने महंगे साज-सज्जा वाले घरों का निर्माण किया,
और पेड़ों का काटने का उपक्रम वहीं से शुरू हुआ।।
कल-कारखानों ,मिलों और उद्योगों ने प्रदूषण फैलाया,
ऊँची-ऊँची ईमारतों से धरा को पूर्णतया ढक दिया,
एक तरह से बँद किया दरवाजा बुजुर्गो की मुलाकातों का।।
इतिहास गवाह हैं जिसने बुजुर्गो की नहीं सुनी सदैव पछताया,
कुछ ऐसा ही हमारे जीवन का दुःखद हश्र हो रहा,
देखो अब प्राणवायु का बोतलों,सिलिंडर में आवँटन हो रहा।
