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Power Ranger

Tragedy Others

5.0  

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Tragedy Others

पुरानी यादों का पिटारा

पुरानी यादों का पिटारा

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उन कोटा की गलियों मे

मुर्दों को भी चलते, मैंने देखा है।


हजार सपने लेकर, उन्हे पुरा करने के लिये 

तपती धूप मे उन्हे दोड़ते, मैंने देखा है।


अच्छी पढाइ पाने के लिये कभी कोटा तो कभी इन्दौर, 

सैकड़ों कोचिंगो मे भटकते, मैंने देखा है।


जो परिन्दे उड़ के आये थे दूर अपने घरों से 

उन्हे खूद पिंजरे की तरफ़ भागते, मैंने देखा है।


Allen, BMC, से AAYAM तक, रास्तों मे 

हरी, लाल तो कभी नीली t-shirt में Robot's को 

भरी धूप मे पिघलते, मैंने देखा है।


घरवालों के सपने पूरे करने के लियें, खूद के 

सपनों को अपने ही अन्दर दफ़न होते, मैंने देखा है।


अपनी असली प्रतिभा पर चादर डालें, कठपुतली 

का खेल अच्छे से खेलते, मैंने देखा है।


जीवन मे लाख परेशानीयां, पर चेहरे

पे उस झूठी हसी को लाकर मुस्कुराना, मैंने देखा है।


Physics के सवालों में उलझकर उस बेबसी को

आखों के कोने से पानी बनकर निकलते, मैंने देखा है।


किताबों के मुर्दा घरो (पुस्तकालय ) मे

H C Verma को सिना तान टहलते, मैंने देखा है।


School वाली प्यार कि किताब को भूलकर 

NCERT से दिल लगाते, मैंने देखा है।


सख्ती से पढाई करने आये थे पर लड़की के

Doubt पूछने पर झट से पिघलते, मैंने देखा है।


कई सपनों को पुरा होते, त

ो कई ख्वाबों को 

सूली पर लटकते, मैंने देखा है।


पिता को हमारे भविष्य कि चिंता रहतीं पर 

माँ को हमेशा हि प्यार करते, मैंने देखा है।


बड़े घरों मे रहने वालों को आज आसमान के 

नीचे 10/10 के कमरों मे समेटते, मैंने देखा है।


हजार दिक्कतें रहने-खाने मे पर मम्मी को

फोन पे "सब बढीया हे", कहते मैने देखा है।


बहुतों को अवसाद मे Cigarette कि डिब्बीयो 

के साथ जलते, तो कईयों को शराब मे डूबते, मैंने देखा है।


डाक्टर बनने के सपने को खूद 

अपने पैरों तले कुचलते, मैंने देखा है! 


अपने सपनों को खाक होते देख 

कईयों को घर वापस जाते, मैंने देखा है।


जिन्दगी ये हताश कईयो को

पंखे से लटकते, मैंने देखा है।


AIIMS का सपना देखकर, 

fishery पर थमते, मैंने देखा है।


हजार नाकामिया मिली हो, पर लाख अनुभव 

के साथ ज़िन्दगी को मज़े से जीते, मैंने देखा है।


आज उसी सपनों के शहर Indore मे

फिर एक बाप को अपने अरमानों के साथ 

अपने बच्चे को बोरिया-बिस्तर के साथ

छोड़ते, मैंने देखा है।


आज मेने ये मेरी नाकामी पर लिखा है।

पर जरूरी नहीं कि Doctor बनेंगे तभी 

हम जिन्दा रह पायेंगे, कईयो को Doctor 

बनने के बाद भी घूट-घूट के मरते, मैंने देखा है।


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