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Power Ranger

Romance

2.5  

Power Ranger

Romance

आ बैल मुझे मार

आ बैल मुझे मार

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मैं तुझ को हँसाने के लिए खुद को पागल बता देता था ! 

तेरे गुनाहों को माफ़ कर सितम खुद सहता था !  


अब तो आदत हो गई है, हर किसी को हँसाने की 

अब जरुरत नहीं पड़ती हर किसी को समझाने की 


दिल तो आज भी ज़ख्मी है, एै दिलबर 

मगर दवा भूल गया हू, उस जख़्म पर लगाने की ! 


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