Uttra Sharma

Tragedy

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Uttra Sharma

Tragedy

पुलवामा में शहीद सैनिकों को

पुलवामा में शहीद सैनिकों को

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बर्फ के कंवल

आओ एक दीपक जलाएं उन शहीदों के लिए।

जो डटे रहे तिरंगा लेकर बर्फ के पहाड़ पर।

सियाचिन की बर्फीली चोटियों के प्रहरी।

जब जी उठे हनुमनत्पा बर्फ के पहाड़ से।

मौत भी हैरान हुई उस जांबाज शेर से।


ले तिरंगा हाथ में डटे रहे रणभूमि में शीश

झुकने न दिया चुनौतियों को मात दी

शौर्यसाहस वीरता की कहानी लिख

गये सियाचिन पर।


मेघ की गर्जन से लिखे दामिनी ने

शूरवीरों के नाम आकाश में

नदियों में खिल उठे बर्फ के कंवल। 

पद्म विभूषण सजे रहें उनके चित्रों पे सदा।


सुहागिने उनकी गौरवांवित होंगी।

अमरत्व को प्राप्त होंगी 

ह्रदय में गर्व गाथा गाता रहेगा सियाचिन। 

घूरती रहेंगी आँखें सदाशत्रु के बुरे  इरादे

नेस्तनाबूद करेगासदा।

हर कदम बढ़ता गया जय भारत माता ह्रदय से

गाता गया।


आओ एक दीपक जलायें उन शहीदों के लिए 

जिनकी वजह से हम चैन की नींद सोते हैं।

मनाते हैं जश्न रोज सांस खुली हवा में लेते हैं।

धन्य है भारत भूमि  जिस धरा पे सपूत

पैदा हुए।

लिए गोद में वीर सियाचिन ने

सदा वीरता की गाथा गाता रहेगा

सियाचिन।

जयहिंद वंदेमातरम् भारत माता की जय


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