पुलवामा की पुकार
पुलवामा की पुकार
जब नगाड़ा बज ही गया है, शरहद पर शैतान का,
तो नक्शे पर से नाम मिटा दो, पापी पाकिस्तान का।
उरी हमले में नमूना दिया था, इक सर्जिकल स्ट्राइक का,
खून खौल रहा हर बच्चे का, सर उठा दो हिन्दुस्तान का
पुलवामा पुकार रहा है, अब वक़्त है आखरी वार का।
भारत माँ के बच्चे छीने, सिंदूर मिट गया किसी सुहागन का,
बहुत हो गया इम्तिहान, हमारी हमदर्दी और शराफत का,
अब हमें है लेना बदला, वीर जवानों की शहादत का,
उनके खून का हर कतरा माँगे, जवाब चाहिए बलिदान का,
पुलवामा पुकार रहा है, अब वक़्त है आखिरी वार का।
खिलाड़ी बैन, कलाकार बैन, इन सब में नहीं उलझनें का,
नादानों जिस बात को समझे, उस भाषा में सबक सिखाने का,
छूट गया कही बहुत पीछे, मामला समझने समझाने का,
नामर्द ना समझे दुश्मन हमें, अब ऐसा तरीक़ा अपनाने का,
पुलवामा पुकार रहा है, अब वक़्त है आखरी वार का।
नेहरू को इतिहास में रहने दो, गाँधीजी को नहीं जगाने का,
गलतियाँ बहुत कर बैठे हैं, अफसोस क्यों अब जताने का,
भगतसिंह, राजगुरु, और सुभाषचंद्र की राह पे चलने का,
वक़्त आया है अब दुश्मन को, सिंघम बनके ठोकने का,
पुलवामा पुकार रहा है, अब वक़्त है आखरी वार का।