तूफान कभी भी वांछनीय नहीं होते हैं
तूफान कभी भी वांछनीय नहीं होते हैं
दोनों तरफ लहरें दुर्घटनाग्रस्त,
एक दूसरे को देख नहीं सकते।
केवल तूफानों से रेत उड़ती है,
और यादें बर्बाद हो जाती हैं।
मुझे याद है, वह तूफान से डरता था।
यहाँ मुझे लगता है, सभी एक रन में,
अपने आप को फैलाओ, मैच और मैच।
ईपार के लोग सोचते हैं, वह तूफान से डरता है।
चुपचाप आहें भरते और
एक-दूसरे की राह देखते रहे।
मैं इतनी दूर रहती हूं,
मैं इतनी दूर कैसे पहुंच गई ?
जिस तूफ़ान से बवाल मचा था,
दोनों एक साथ लड़ने वाले थे।
लेकिन झगड़ा हुआ, तूफान आया।
रात में तकिए पर काटे गए सटोरिये
अब भी उस कहानी को बताते हैं।
प्यार की कहानी, अच्छा होने की कहानी।
अंतिम शब्द केवल बना हुआ है,
अच्छी तरह से नहीं रख पाने की कहानी बन गया है।
मन कहता है, तूफान दो, तूफान ज्यादा दो।
गंदगी को बिल्कुल ठीक करें।
इसे बारिश दें, इसे धो लें।
रोना, जो एक बार दोनों को जकड़ लेता है,
सिर्फ एक बार, निक खुद को रोने के बारे में सोचता है।
इस सीने की आंधी में तूफ़ान थम जाए।