पहल
पहल
पहल कहो जग में भली, कर दिखलाए काम,
ऊंची सोच जहान की, जन बन सकता महान।
अच्छी पहल करने में, सोच में नहीं डूबते हैं,
पहल कभी कभी इंसान की, बदल देता शान।।
पहल करो बालिका की, पालन पोषण ध्यान,
शिक्षा के क्षेत्र में उसको, मत रखना है अज्ञान।
बालिका अगर पढ़ गई तो जीवन बने सुहाना,
कार व्यवहार उसका, बना सकता है महान।।
बच्चों को उच्च शिक्षा दो, होनी चाहिए पहल,
शिक्षा से ही बनते हैं, ऊंचे ऊंचे जगत महल।
अनपढ़ रखना बच्चे को, कहलाता है अपराध,
सुबह सवेरे उठकर, थोड़ी दूर लेना है टहल।।
चरित्रवान जन पाता है, ऊंचा जगत में नाम,
हर इंसान का फर्ज है, कर लेना ऊंचा काम।
पहल हमारी होनी चाहिए, बनाए चरित्रवान,
वरना वो दिन दूर नहीं, आएगी अंतिम शाम।।
संस्कार जग में बड़े, नाम पाता संस्कारवान,
खुशबू फैले जोर से, जन कहलाता महान।
पहल हमारी होनी चाहिये, बनाए चरित्रवान,
संस्कार के बल पर ही, जाने सारा ही जहान।।
गुरुसेवा को भूल जाए, वो इंसान नरकगामी,
ऐसा ज्ञान चहुं ओर मिले, नहीं बनेगा कामी।
गुरुसेवा की पहल से, जन को मिलता शकुन,
गुरुसेवा भरपूर करो, बन सकता जन ध्यानी।।
मात पिता की सेवा ही, सबसे बड़ी कहलाती,
उनकी सेवा करने से, घर में दौलत ही आती।
पहल करो मात पिता की, सेवा जगत महान,
मात पिता की सेवा से इंसान की बढ़ती शान।।
पहल करो संसार में, शाकाहार सदा खाना,
कितने ही लोग जगत, शाकाहार को माना।
पहल हर जगह पर, हर काम में हो पहल,
पहल करो गरीब की, समस्या सभी हो हल।।
