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Sanjay Bhandari

Tragedy

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Sanjay Bhandari

Tragedy

ठहर जा

ठहर जा

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चलती का नाम है गाड़ी,

पर आज तू ठहर जा,

कुछ क्षणों का विश्राम,

फिर मीलों का तय कर फासला,

तू ठहर जा।


आज बहुत भाग लिया तू,

आ अब बैठ जा,

माँ की आँखें हैं तरसी,

आज उसके संग निवाला खा

तू ठहर जा।


बचपन में बहुत खिलाया तुझे,

कंधे पे बिठा,

बाबूजी के पाँव अब थक गए,

सहारा तू बन जा

तू ठहर जा।


रिश्तों में सबसे प्यारा,

वो धागा लगता था कितना प्यारा,

तेरी बहना बाट जोह रही,

इस राखी तू उसके घर हो आ।

तू ठहर जा।


अग्नि समक्ष लिए सात फेरे,

और किया एक वादा,

जीवन संगिनी बनी वो तेरी,

यूँ ना उसे भुला

तू ठहर जा।


उसका पहला रोना,

लाया था खुशियों का मेला,

संडे वाले पापा ना बन,

आज उसे स्कूल तक छोड़ आ

तू ठहर जा।


रिश्तों में सबसे प्यारा,

वो धागा लगता था कितना प्यारा,

तेरी बहना बाट जोह रही,

इस राखी तू उसके घर हो आ

तू ठहर जा।


गिल्ली डंडे भूल गया तू,

छूट गया वो याराना,

दोस्तों के बिना जीवन अधूरा,

महफ़िल जमा तू दोस्ताना

तू ठहर जा।


चलती का नाम है गाड़ी,

पर आज तू ठहर जा,

कुछ क्षणों का विश्राम,

फिर मीलों का तय कर फासला

तू ठहर जा।


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