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अभी अभी तो छुट्टीयों में,
तुम घर आये थे पापा,
लौटना है तुम्हें,
कश्मीर की वादियों में पापा,
जल्दी ही फिर आओगे
ये था अपना वादा पापा,
भारत माँ की सेवा करते,
हमे ना भूलोगे पापा ।
लौट के अब ना आऊंगा,
कैसे मैं बताऊँ बेटा,
वादा जो किया था ,
वो ना निभा पाऊंगा बेटा,
आखिरी ये छुट्टियाँ होगी,
ये ना मालूम था बेटा,
भारत माँ की सेवा करते,
विदा ले रहा तुमसे बेटा ।
अंखियाँ बाट जोह रही,
कब आये कब गए ओ सजना,
इंतज़ार तुम्हारा रहता है,
पर आते नही तुम सजना,
घरबार सब छोड़ आई थी,
चलने को संग तेरे सजना,
तुम छोड़ गए फिर से,
अब कब आओगे मेरे सजना ।
तू ही मेरा साहस है,
तुमसे चले सांसे मेरी जाना,
वादियों मे घाटियों में,
आंखे ढूंढे तुम्हें मेरी जाना,
मिलना होगा अगले जन्म में,
कह ना पाऊँ तुमसे जाना,
भारत माँ की सेवा करते,
मुझे जाना होगा मेरी जाना ।
इस राखी घर ना आये थे,
मैं राखी किसको बाँधू भैया,
बचपन के दिन जो गुज़रे संग संग,
फिर से वापिस लाओ भैया,
घर है लगता सुना सुना,
तुम बिन ना रह पाते भैया,
देश की सेवा फ़र्ज़ तुम्हारा,
पर बहना को ना भूलो भैया ।
तेरी राखी की ताक़त,
हिम्मत मुझको देती बहना,
घर का आंगन महकाने को,
देश को कैसे भूलूं बहना,
अब ना होगा मिलना अपना,
छूट गया सब पीछे बहना,
परिवार अपना कर तेरे हवाले,
मैं हो गया देश का बहना ।
आंगन हमारा महकाया था तूने,
किलकारी सुन झूमी तेरी अम्मा,
बाबूजी के कदमों पे है चलना,
यही सिखलाती तुझे तेरी अम्मा,
देश के लिए मैं लड़ा हमेशा,
शहीद हुआ तब तू था छोटा,
फौज में जाने की ज़िद तेरी,
सीना चौड़ा कर गई थी मेरा ।
आपके कदमों पे ही चले चला मैं,
आपके पास आ रहा हूँ बाबा ,
तस्वीरों में तुमको देखा
अब रहूंगा तेरे संग बाबा,
बचपन मेरा बिता तेरे बिना
अब ना होगा बिछड़ना बाबा,
बेटा मेरा भी निकले ऐसा,
यही दुआ हम करेंगे बाबा।