प्रशंसा
प्रशंसा
आज के युग में
प्रशंसा करना
नहीं है आसान,
कब तेवर बदल जाए
सोच पाना
नहीं है आसान।
कभी कभी प्रशंसा करना
इतना भारी पड़ जाता है
सोचते कुछ हैं,
हो कुछ और जाता है।
(बहुत कम ऐसा होता है, पर हो भी सकता है )
सच कहूँ, चाहे परिणाम कुछ भी हो
अगर बात प्रशंसा के लायक हो
तो कंजूसी मत करिए
दिल से प्रशंसा कीजिए।
अच्छे कर्मों पर की गई बड़ाई प्रेरणा देती है
केवल उसे ही नहीं बाकियों को भी
ये मेरा अपना अनुभव है
शिक्षण में तो बहुत जरूरी है।
प्रशंसा कीजिए
किसी से तुलना नहीं
कम्पैरिजन नकारात्मक सोच देता है
प्रशंसा आगे बढ़ने की प्रेरणा ।
कभी कभी
न हो सकने वाले काम
छोटी सी प्रशंसा से
पूर्ण हो जाते हैं ।
शुरू की पंक्तियाँ केवल
चाटुकारिता के लिए लिखी
दूर रहना है हमें
करने वाले व करवाने वालों से ।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है
हमारी एक मुस्कुराहट
थोड़ी सी प्रशंसा
मृत में जान डाल सकती है ।
अपना तो यही रूल है जिंदगी का
सामने वाले की अच्छाई देखो
कमियों को अनदेखा
समय व मौका देखकर
सलाह व प्रशंसा कर ही दो।
वाणी का प्रभाव
अबोध बालक भी समझ जाता है
माँ की आँखों का प्यार व डाँट समझ जाता
तो हम क्यों करें कंजूसी
दिल से करें प्रशंसा।
