STORYMIRROR

Pooja Yadav

Drama

3  

Pooja Yadav

Drama

पत्नी का वर्चस्व

पत्नी का वर्चस्व

1 min
306

पति का हरा भरा बटुआ

अर्धांगिनी जी को बड़ा लुभाता है,

मुझे खोल कर तो देखो जरा

ये कह कह पास बुलाता है।


पति बेचारा कुछ अनचाहा खर्च आने पर

कई बार पत्नी को बताता है,

इस महीने फिजूलखर्ची नहीं करेंगे

अक्सर ये समझाता है।


पत्नी की लंबी लिस्ट से भी

अब न बटुआ भूला जाता है,

पर पत्नी धीरज धरती है तो

उसका चेहरा मुरझा जाता है।


पति बेचारा ये देख न पाए

वो फिर से बटुआ थमाता है।

पत्नी को खोया वर्चस्व मिला तो

चेहरा भी खिल जाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama