पत्नी का वर्चस्व
पत्नी का वर्चस्व
पति का हरा भरा बटुआ
अर्धांगिनी जी को बड़ा लुभाता है,
मुझे खोल कर तो देखो जरा
ये कह कह पास बुलाता है।
पति बेचारा कुछ अनचाहा खर्च आने पर
कई बार पत्नी को बताता है,
इस महीने फिजूलखर्ची नहीं करेंगे
अक्सर ये समझाता है।
पत्नी की लंबी लिस्ट से भी
अब न बटुआ भूला जाता है,
पर पत्नी धीरज धरती है तो
उसका चेहरा मुरझा जाता है।
पति बेचारा ये देख न पाए
वो फिर से बटुआ थमाता है।
पत्नी को खोया वर्चस्व मिला तो
चेहरा भी खिल जाता है।