Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

पति का बटुआ

पति का बटुआ

1 min
359


गीत

पति का बटुआ भारी हो

********

पति का बटुआ भारी हो वो,

सदा चाहती है लेकिन।

वजन जरा सा कम करने से,

खुशी बहुत दिल पाता है।

********

पति दे लाकर जब पत्नी को,

पाई पाई आमद की।

पत्नी को भी चिंता रहती,

अपने शौहर के कद की।

वो भी नहीं चाहती है कि,

बटुआ पति का खाली हो।

कर्कश या सीधी सादी हो,

कैसी भी घर वाली हो।

पर जब लेती बटुए से कुछ,

दिल त्यौहार मनाता है।

वजन जरा सा कम करने से,

खुशी बहुत दिल पाता है।

*******

जिस पति के बटुए में रहती,

सिल्लक बिन गिनती वाली।

खूब कमाई जिसकी होती,

हो सफेद या हो काली।

पत्नी उसकी बिना बताये,

गर निकाल कुछ लेती है।

क्या गलती करती है वो गर,

बोझा कम कर देती है।

बोझा पति का कम करना भी,

तो कर्तव्य कहलाता है।

वजन जरा सा कम करने से,

खुशी बहुत दिल पाता है।

*******

धनराशि आज्ञा लेकर जो,

पत्नी निकाला करती है।

बिना बताए हाथ लगाने,

से बटुए को डरती है।

जब मांगे तब पति दे देता,

जितनी उसे जरूरत है।

बढ़ता इससे प्यार"अनन्त"

बढ़ती और शराफत है।

तरह तरह की मांगें रखना,

पर पत्नी को आता है।

वजन जरा सा कम करने से,

खुशी बहुत दिल पाता है।

******

अख्तर अली शाह "अनन्त"नीमच


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama