प्रमोशन
प्रमोशन
निर्दोष हूं माई बाप
बीनता हूं लकड़ी, बेचता हूं
मेरे बच्चे हैं छोटे छोटे
रहम करो, दया करो सरकार
मैं नहीं हूँ नक्सली
आदमी हूं गरीब
साहब, मजदूर हूं, मुझे छोड़ दो
और उसने ये कहकर उसके सीने में दाग दी गोली
ऐसे ही छोड़ता रहा तो मिलने से रहे मेडल
होने से रहा प्रमोशन.