प्रेम सर्वदा पावन है
प्रेम सर्वदा पावन है
प्रेम ने जब भी दिल पर दस्तक दी, मैं नकारते हुए आगे बढ़ती गयी,
आज यूँ ही पोती ने फेसबुक प्रोफ़ाइल बना दिया, वाट्सप में जोड़ दिया,
मेरे तो मानो पंख लग गए, रोजाना कई अपने मिलते गए,
इसी माहौल में कॉलेज में रियूनियन का न्यौता मिला,
पुराने दोस्तों के साथ अतीत मानो पुनः जीवित हो गया।
अरे मेरी धड़कन रुक क्यों गयी? मेरे बोलने - समझने की ताकत कहां गयी?
सामने मेरे वो शख्स है जिसे देख पहली बार प्यार का एहसास जगा था।
याद है मुझे, कैसे उसे एक नजर देखने के लिए मैं हर दिन लाइब्रेरी जाती,
प्यार का इजहार किया तो नहीं पर इस एहसास से अपरिचित नहीं रही।
उसे खुश देख दिल को अजीब सा सुकून मिल रहा है,
प्यार जिसे मार दिया, मुझमें अपने जिंदा होने की पुष्टि कर रहा है।
सच है, प्रेम उम्र के हर मोड़ पर पावन है, सटीक है, सार्थक है।