जब प्यार हुआ
जब प्यार हुआ
जब हमारे रास्ते मिले एकाएक अनजानों की बस्ती में,
ना कोई गिटार पर धुन बजी, ना ही ख़यालों में हम खोए,
न रात की नींद उजड़ी, न दिन भर बैचैन रहे, हम बिल्कुल न जुड़े,
जिंदगी जैसी थी वैसी ही रही, कही कुछ भी असर नहीं हुआ।
पर जिस दिन तुम्हें तुम्हारा लक्ष्य कहते सुना,
मैं खो गयी उन आँखों में जिसमे लौह इरादे हैं
मै डूब गयी उस मुस्कान में जो सफलता सूचक है
मैं तुम्हारे व्यक्तित्व के रौ में बहती गयी।
फिर तुम्हें देखने का मेरा नजरिया बदल गया,
रोजाना हम मिलने लगे, नजरें मिली, दिल मिले।
हमारे मूक अहसासों को शब्द मिल गए,
मन के अटूट बंधन से हम बँध गए,
प्यार हुआ, रिश्ते बने, आज हम साथ हैं,
रहेंगे यूँ ही प्रेम पाश में, जन्म - जन्मांतर तक।

