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varsha Gujrati

Abstract Romance

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varsha Gujrati

Abstract Romance

प्रेम कविताएं .....

प्रेम कविताएं .....

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मैं अक्सर,

प्रेम कविताएं ही लिख पाती हूँ ....

क्योंकि तुम्हें पाने के बाद ही,

मैंने प्रेम को समझा है ....

निश्छल .... सजल ...

के अर्थ को जाना है .....

त्याग की पराकाष्ठा,

क्या होती है ...?

ये विरह की वेदना से समझा है .....

और किनारों पर,

जो ठहराव में रहना है ....

वो तुम्हारे नयन के किनारे पर,

सजे अश्रु से सीखा है .....


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