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varsha Gujrati

Romance

4  

varsha Gujrati

Romance

देवाग्रह ....

देवाग्रह ....

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मेरे मन के देवाग्रह में भी ,

एक मूरत बसती है ....

और उसमें पूजे जाने वाले ,

देवता तुम हो ...

जहाँ में स्वच्छंदता से ,

अपने निर्मम मन के अश्रु को 

तुम्हारे चरणरंज को ,

समर्पित करती हूँ .....

जहाँ तुम मुझे रोक नही पाते ,

तुम्हारे प्रेम का सत्कार करने से .....

   


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