मेरे हमनफ्स़ ....
मेरे हमनफ्स़ ....
मेरे हमनफ्स़ मेरे हमनवां
बात बस इतनी सी बता
दर्द-ए-इश्क में साथ निभाओगे क्या ?
इन मचलती रातों में
हसीन ख्वाब में एक बार आओगे क्या?
हम तो संभालेंगे अपने दिल को
पर जिस दिन नीर ये बरसे
उस दिन मोहब्बत के
साहिल पर मिलोगे क्या ?
मुझे जिंदगी की ना तू कोई दुआ दे
देना है तो ये दुआ दे
दिल मेरा तड़पे
तो तेरा दिल भी बेचैन होगा
रात की ओट पर
जब चांद नजर आएगा
तू मेरी तमन्ना पर
आरज़ू बनकर जाएगा
जैसे सोता है चांद
रात की आगोश में
तू इन रातों में ख्यालों में आकर
बस मेरा ही होकर रह जाएगा।