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Laxmi Tyagi

Comedy Romance Others

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Laxmi Tyagi

Comedy Romance Others

प्रेम का इज़हार

प्रेम का इज़हार

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इश्क़ हुआ था मुझे, उस अनजान परी से,


हैराँ, परेशान रह गया , कैसे करूं ?


'' इश्क का इजहार ''उस नाज़नीन से ,


लगता, मेरे जीवन में ग़र वो.... आ जाए , 


आते ही उसके ,मेरी किस्मत चमक जाए। 


रात -दिन वो ! दिवा स्वप्न देखता रहा 


मन ही मन ' इज़हार ए इश्क़ 'करता रहा। 


आज को कल पर, टालता रहा। 


आकर गुजर गई, वो मेरे करीब से ,


धूप में ठंडक का झोंका बन गयी नसीब से। 


जब देखा सिंदूर ! उसकी मांग का ,


ठगा सा रह गया मैं अपने '' रक़ीब ''से। 


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