Rupal Sanghavi "ઋજુ"
Romance Others
प्रेम एक कविता है
क्योंकि वही सत्य है!
तभी तो वह शिव भी है!
और जब शिव है तो सुंदर ही! है।
वही तो साकार रूप है,
कविता का।
जो प्रेम है.!..ॐ है।
"प्राकृतिक सौ...
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शाम की उदासी
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उस अजनबी को देखकर अपना सा कुछ एहसास था, उस अजनबी को देखकर अपना सा कुछ एहसास था,
पति पत्नी मे प्यार तो था पर गुस्सा होने का नाटक करा। पति पत्नी मे प्यार तो था पर गुस्सा होने का नाटक करा।
चाहत तो वो है,जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती है।। चाहत तो वो है,जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती है।।
महेफ़िल में आकर बैठी हो तुम, मेरी गज़ल में सुर मिलता नहीं। महेफ़िल में आकर बैठी हो तुम, मेरी गज़ल में सुर मिलता नहीं।
इस दिल को फिर से ,संवारना जरूरी है इस दिल को फिर से ,संवारना जरूरी है
मेरे टूटे हुए दिल पर तुम, ही खुल कर हंसी हो, मेरे टूटे हुए दिल पर तुम, ही खुल कर हंसी हो,
सुनो दिकु... मैं ठीक हूँ तुम अपना ख्याल रखना। सुनो दिकु... मैं ठीक हूँ तुम अपना ख्याल रखना।
अपने अश्कों में पिरोकर मैंने तुमको यार है भेजा ।। अपने अश्कों में पिरोकर मैंने तुमको यार है भेजा ।।
जो महफिलों में मुझे अपनी बातों का हिस्सा न बना पाओ तो। जो महफिलों में मुझे अपनी बातों का हिस्सा न बना पाओ तो।
उससे मिलने की चाहत जाग जाती है। उससे मिलने की चाहत जाग जाती है।
दुनिया को भूल करती हूँ तेरी इबादत। दुनिया को भूल करती हूँ तेरी इबादत।
मुझे तेरे आने की आहट हुई मझली रात में ! मिली न तुम कहीं आजूबाजू मझली रात में !! मुझे तेरे आने की आहट हुई मझली रात में ! मिली न तुम कहीं आजूबाजू मझली रात में...
खूबसूरत फ़साना बन जाना जीवन में सीरत में तेरी सादगी, सादगी में सच्चाई खूबसूरत फ़साना बन जाना जीवन में सीरत में तेरी सादगी, सादगी में सच्चाई
तूं मुझे से नजर मिला लें तो मै, तेरे ईश्क की ज़ाम छलका दूं। तूं मुझे से नजर मिला लें तो मै, तेरे ईश्क की ज़ाम छलका दूं।
तुम्हारे लिये मैं , बादल बन जाऊं तपते सूरज को मैं बादल सा ढक लूँ। तुम्हारे लिये मैं , बादल बन जाऊं तपते सूरज को मैं बादल सा ढक लूँ।
तो, मन को हर्षाती हैं तो, मन को हर्षाती हैं
उसकी गज़ल में लिखता हूं तो, कागज हवा में उड़ जाता है। उसकी गज़ल में लिखता हूं तो, कागज हवा में उड़ जाता है।
आज छत तो वहीं है, मगर वह लड़की नहीं है ! आज छत तो वहीं है, मगर वह लड़की नहीं है !
आगे बढ़ने की दे प्रेरणा खाली काग़ज पर लिखी हुई ग़ज़ल है वो। आगे बढ़ने की दे प्रेरणा खाली काग़ज पर लिखी हुई ग़ज़ल है वो।
मिलेंगे कभी जिंदगी के किसी मोड़ पर निकल आए इस रिश्ते को रब के हवाले छोड़ कर। मिलेंगे कभी जिंदगी के किसी मोड़ पर निकल आए इस रिश्ते को रब के हवाले छोड़ कर।