"चंदामामा चाँदनी मामी"
"चंदामामा चाँदनी मामी"
चंदामामा सुनो कहानी चांदनी मामी से कहना,
एक था राजा एक थी रानी एक थी बिटिया गहना।
राजा रानी चिंचित थे अब बिटिया हुई सयानी,
पढ़ लिखकर के हुई घमंडी जीत न पाए ज्ञानी।
एकदिन आया श्वेत घोड़े पर दूल्हा आसमानी,
उड़ता घोड़ा देख दूरसे सबने बात यह जानी।
गहना ज्ञान की बाजी लगाए वही शर्त के साथ,
चांद सितारे लाकर जो दे उसीका थामू हाथ।
रात को दोनों नदी किनारे हाथ में लिये हाथ,
प्रिय देखो प्रतिबिंब हमारा चांद सितारे साथ।
बाजी अगर हो पड़े लगानी प्रेम की ही लगाना,
जहां हार जीत का अर्थ एक हो हारके भी जीत जाना।
